प्रशासन एक ऐसी प्रणाली
है जिसके माध्यम से सरकार अपने
कार्यों को योजनाबद्ध तरीके
से संचालित करती है। यह नीति निर्माण,
कानून व्यवस्था, सेवाओं के प्रबंधन और
विकास योजनाओं के कार्यान्वयन को
सुनिश्चित करता है। प्रशासन समाज की जरूरतों को
पूरा करने के लिए एक
संगठित ढांचा प्रदान करता है।
भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था (Indian
Administrative System)
भारत में प्रशासनिक व्यवस्था एक लोकतांत्रिक प्रणाली
के तहत संचालित होती है। यह संघीय ढांचे
पर आधारित है, जिसमें केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर
के प्रशासनिक अंग शामिल हैं। प्रशासनिक ढांचा भारतीय संविधान के अनुसार स्थापित
किया गया है।
प्रशासन के स्तर (Levels of Administration)
भारतीय प्रशासन तीन प्रमुख स्तरों पर कार्य करता
है:
1. केंद्रीय प्रशासन (Central
Administration):
o
राष्ट्रपति
(President): देश
का संवैधानिक प्रमुख
o
प्रधानमंत्री
(Prime Minister): कार्यकारी
प्रमुख और सरकार का
प्रमुख नेता
o
केंद्रीय
मंत्रिमंडल
(Union Cabinet): नीति
निर्माण और क्रियान्वयन में
महत्वपूर्ण भूमिका
o
मंत्रालय
और विभाग (Ministries and
Departments): जैसे
गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय आदि
2. राज्य प्रशासन (State
Administration):
o
राज्यपाल
(Governor): राज्य
का संवैधानिक प्रमुख
o
मुख्यमंत्री
(Chief Minister): कार्यकारी
प्रमुख
o
राज्य
मंत्रिमंडल
(State Cabinet): राज्य
सरकार की नीतियों को
लागू करने में सहायता
o
विभिन्न
राज्य
विभाग:
जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि
3. स्थानीय प्रशासन (Local
Administration):
o
नगर
निगम
(Municipal Corporation): शहरों
के प्रशासन के लिए
o
नगर
पालिका
(Municipal Council): छोटे
नगरों के प्रशासन के
लिए
o
ग्राम
पंचायत
(Gram Panchayat): गांवों
के प्रशासन के लिए
प्रशासनिक सेवाएं (Administrative
Services)
भारतीय प्रशासनिक सेवाएं सरकार के कार्यान्वयन में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रमुख सेवाएं निम्नलिखित हैं:
·
भारतीय
प्रशासनिक
सेवा
(IAS): नीति
निर्माण और कार्यान्वयन
·
भारतीय
पुलिस
सेवा
(IPS): कानून
व्यवस्था बनाए रखना
·
भारतीय
विदेश
सेवा
(IFS): विदेशी
मामलों में प्रतिनिधित्व
·
भारतीय
राजस्व
सेवा
(IRS): कर संग्रह और वित्तीय प्रशासन
·
भारतीय
वन सेवा (IFS): वन संरक्षण और
पर्यावरण प्रबंधन
प्रशासन की कार्यप्रणाली (Working of Administration)
प्रशासन की कार्यप्रणाली एक
संगठित प्रक्रिया के तहत संचालित
होती है:
1. नीति निर्माण (Policy Making):
सरकार द्वारा योजनाओं और कार्यक्रमों का
निर्माण किया जाता है।
2. योजना क्रियान्वयन
(Implementation of Plans): योजनाओं
को लागू करने के लिए प्रशासनिक
अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।
3. जनता से संपर्क (Public
Interaction): प्रशासनिक
अधिकारी जनता की समस्याओं को
सुनते हैं और समाधान प्रदान
करते हैं।
4. निगरानी और मूल्यांकन (Monitoring and
Evaluation): योजनाओं
के क्रियान्वयन की निगरानी की
जाती है और आवश्यक
सुधार किए जाते हैं।
5. वित्तीय प्रबंधन (Financial
Management): योजनाओं
के लिए बजट आवंटन और व्यय की
देखरेख की जाती है।
प्रशासन की भूमिका (Role of Administration)
·
कानून
व्यवस्था बनाए रखना
·
सरकारी
योजनाओं का क्रियान्वयन
·
सार्वजनिक
सेवाएं प्रदान करना
·
आर्थिक
और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना
·
आपातकालीन
सेवाएं प्रदान करना
·
नागरिकों
के अधिकारों की रक्षा
प्रशासन में चुनौतियाँ (Challenges in
Administration)
·
भ्रष्टाचार:
प्रशासनिक अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण
·
नौकरशाही
लालफीताशाही:
निर्णय लेने में देरी
·
नीति
क्रियान्वयन
में
कमी:
योजनाओं का सही तरीके
से लागू न होना
·
प्रशासनिक
दक्षता
की कमी: संसाधनों की अनुपलब्धता
·
तकनीकी
संसाधनों
की कमी: आधुनिक उपकरणों और तकनीक की
अनुपस्थिति
प्रशासन को सुधारने के
उपाय
·
पारदर्शिता
और जवाबदेही बढ़ाना
·
तकनीकी
उन्नयन
·
ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना
·
लोकपाल
और लोकायुक्त की भूमिका को
सशक्त बनाना
·
कर्मचारियों
के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करना
निष्कर्ष
(Conclusion)
भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था सरकार और जनता के
बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी
है। यह देश के
विकास और सुशासन में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ाकर
प्रशासन को और अधिक
प्रभावी बनाया जा सकता है।
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