भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा
लिखित संविधान है, जो देश की
कानूनी और राजनीतिक संरचना
का आधार है। यह संविधान भारत
के नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों
और सरकार के कार्यों को
परिभाषित करता है।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया
भारतीय संविधान बनाने की प्रक्रिया 9 दिसंबर
1946 को शुरू हुई, जब संविधान सभा
की पहली बैठक हुई। संविधान के प्रारूप को
तैयार करने के लिए एक
प्रारूप समिति (Drafting Committee)
का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे।
संविधान निर्माण में भाग लेने वाले प्रमुख सदस्य
संविधान निर्माण के लिए 389 सदस्यीय संविधान सभा का गठन किया
गया था, जो विभिन्न प्रांतों
और समुदायों का प्रतिनिधित्व करती
थी। प्रमुख सदस्यों में शामिल थे:
·
डॉ.भीमराव अंबेडकर
·
डॉ.
राजेंद्र प्रसाद
·
पंडित
जवाहरलाल नेहरू
·
सरदार
वल्लभभाई पटेल
·
मौलाना
अबुल कलाम आजाद
·
श्यामा
प्रसाद मुखर्जी
संविधान का निर्माण
भारतीय संविधान को बनाने में
कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
संविधान सभा की कुल 11 सत्रों में 165 बैठकें हुईं।
संविधान को अपनाने की
तिथि
संविधान को संविधान सभा
ने 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया
और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया
गया। इसी दिन को भारत में
गणतंत्र दिवस के रूप में
मनाया जाता है।
संविधान निर्माण में ली गई प्रेरणा
भारतीय संविधान को विभिन्न देशों
के संविधानों से प्रेरणा मिली
है। कुछ प्रमुख संविधानों से ली गई
विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
·
ब्रिटेन:
संसदीय प्रणाली, कानून का शासन
·
अमेरिका:
मौलिक अधिकार, न्यायिक समीक्षा
·
आयरलैंड:
राज्य की नीति के
निदेशक तत्व
·
जर्मनी:
आपातकालीन प्रावधान
·
कनाडा:
संघीय प्रणाली
·
फ्रांस:
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के
सिद्धांत
·
ऑस्ट्रेलिया:
समवर्ती सूची
संविधान के अनुच्छेद (Articles)
भारतीय संविधान में मूल रूप से 395 अनुच्छेद (Articles),
22 भाग
(Parts) और 8
अनुसूचियां
(Schedules) थीं।
वर्तमान में संशोधनों के बाद इसमें
470 से
अधिक
अनुच्छेद
और 12 अनुसूचियां हैं।
2025 तक के अपडेट
·
संविधान
में अब तक 105 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं।
·
नए
सामाजिक और आर्थिक सुधारों
के तहत कई नीतिगत बदलाव
शामिल किए गए हैं।
·
डिजिटल
अधिकारों और डेटा सुरक्षा
से संबंधित प्रावधान जोड़े गए हैं।
·
पर्यावरण
संरक्षण को बढ़ावा देने
के लिए विशेष प्रावधान लागू किए गए हैं।
मौलिक अधिकार (Fundamental
Rights)
भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं:
1. समानता का अधिकार
2. स्वतंत्रता का अधिकार
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
4. धर्म की स्वतंत्रता का
अधिकार
5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी
अधिकार
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार
राज्य के नीति निर्देशक
तत्व (Directive
Principles of State Policy)
संविधान का भाग IV राज्य
को यह निर्देश देता
है कि वह सामाजिक
और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने
के लिए कदम उठाए।
महत्वपूर्ण संशोधन
·
पहला
संशोधन
(1951): संपत्ति
के अधिकार पर प्रतिबंध
·
42वां संशोधन (1976): समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता जैसे
शब्दों का समावेश
·
44वां संशोधन (1978): संपत्ति के अधिकार को
मौलिक अधिकारों से हटाया गया
·
105वां संशोधन (2021): पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा
रोचक तथ्य
·
भारतीय
संविधान का मसौदा तैयार
करने में 2000 से अधिक संशोधन प्रस्ताव आए थे।
·
संविधान
की मूल प्रति को सुंदर हस्तलिखित
शैली में लिखा गया है।
·
संविधान
की मूल प्रति को हिंदी और
अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखा गया है।
·
2025 तक
भारत के संविधान को
दुनिया का सबसे लचीला
और विस्तृत संविधान माना गया है।
निष्कर्ष
भारतीय संविधान एक ऐतिहासिक और
बहुआयामी दस्तावेज है जो भारत
की लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव है।
यह नागरिकों के अधिकारों, स्वतंत्रताओं
और कर्तव्यों को सुनिश्चित करता
है। भारतीय संविधान की विविधता और
लचीलापन इसे विश्व में सबसे अनोखा और व्यापक बनाता
है।
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