परिचय
सूरज का सातवां घोड़ा'
धर्मवीर भारती की एक ऐसी
रचना है, जो परंपरागत कथा
शैली से बिल्कुल अलग
है। यह उपन्यास जीवन
के अलग-अलग पहलुओं को प्रतीकात्मक रूप
में दर्शाता है। इसका नाम भी गहरे अर्थों
से भरा हुआ है, जहां सूरज के सात घोड़े
जीवन के सात रंगों
और अनुभवों को दर्शाते हैं।
कहानी का सारांश: यह उपन्यास मानिक मल्लिक नामक पात्र द्वारा सुनाई गई तीन प्रेम
कहानियों पर आधारित है।
ये कहानियां समाज के अलग-अलग
वर्गों और प्रेम की
विविधताओं को दिखाती हैं।
·
पहली
कहानी में जमुना एक गरीब लड़की
है, जो अपनी गरीबी
और समाज की बेड़ियों से
संघर्ष करती है।
·
दूसरी
कहानी में लिली एक आधुनिक लड़की
है, जो अपनी स्वतंत्रता
और प्रेम के बीच संतुलन
बनाना चाहती है।
·
तीसरी
कहानी में सत्ती एक आदर्शवादी लड़की
है, जो सामाजिक मूल्यों
और अपने प्रेम के बीच उलझी
रहती है।
तीनों कहानियां जीवन के अलग-अलग
पहलुओं को उजागर करती
हैं और मानिक मल्लिक
के माध्यम से इन्हें सात
प्रतीकात्मक घोड़ों से जोड़ा गया
है।
मुख्य पात्र:
·
मानिक
मल्लिक:
कहानी के सूत्रधार और
प्रमुख पात्र
·
जमुना:
गरीब और संघर्षशील लड़की
·
लिली:
आत्मनिर्भर और आधुनिक विचारधारा
वाली लड़की
·
सत्ती:
आदर्शवादी और सामाजिक मूल्यों
से बंधी लड़की
प्रमुख विषय:
·
समाज
में वर्गभेद
·
प्रेम
के विविध रूप
·
जीवन
के संघर्ष
·
प्रतीकात्मकता
और यथार्थवाद
पाठकों के लिए संदेश: अगर आप समाज की
सच्चाइयों को जानना और
प्रेम की विविधताओं को
महसूस करना चाहते हैं, तो 'सूरज का सातवां घोड़ा' को जरूर पढ़ें।
यह उपन्यास जीवन की गहराइयों को
सरल और रोचक भाषा
में प्रस्तुत करता है।
उपसंहार:
यह उपन्यास पाठकों को प्रेम और
समाज की जटिलताओं को
समझने के लिए प्रेरित
करता है। धर्मवीर भारती की यह कृति
हिंदी साहित्य में एक अनमोल धरोहर
है।
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