ग्रामीण जीवन की सजीव झलक और समाजिक यथार्थ की अनूठी प्रस्तुति

2025-03-07

परिचय
मैला आँचलफणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रथम औपन्यासिक कृति है, जो हिंदी साहित्य में आंचलिक उपन्यास विधा की आधारशिला मानी जाती है। उपन्यास बिहार के पूर्णिया जिले के ग्रामीण जीवन को केंद्र में रखकर लिखा गया है, जहां लेखक ने समाज के विभिन्न पहलुओं को अत्यंत सजीव और यथार्थ रूप में प्रस्तुत किया है।

कहानी का सारांश: कहानी का केंद्र ग्राम मेरीगंज है, जहां स्वतंत्रता के बाद के समय में सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलावों की हलचल देखी जाती है। उपन्यास का मुख्य पात्र डॉक्टर प्रशांत है, जो गांव में आकर लोगों की सेवा करने का संकल्प लेता है। ग्रामीण जीवन के विविध रंगों, राजनीति के छल-प्रपंच और जातिगत भेदभाव को बड़े ही संवेदनशील और यथार्थ रूप में चित्रित किया गया है।

मुख्य पात्र:

·         डॉक्टर प्रशांत: कहानी का नायक, जो आदर्शवादी और समाजसेवी है

·         कमला: डॉक्टर प्रशांत की मरीज, जो प्रेम और त्याग का प्रतीक है

·         तारिणी मास्टर: गांव के शिक्षक और समाज सुधारक

·         बिरजू: ग्रामीण युवक, जो समाज की विषमताओं का शिकार है

·         लक्ष्मी: गरीब महिला, जो समाज के शोषण का प्रतीक है

प्रमुख विषय:

·         ग्रामीण जीवन का सजीव चित्रण

·         समाजिक कुरीतियां और अंधविश्वास

·         राजनीति का प्रभाव

·         प्रेम, त्याग और संघर्ष

·         जातिगत भेदभाव

शैली और भाषा: फणीश्वर नाथ 'रेणु' ने लोकभाषा, लोकगीतों और मुहावरों का प्रयोग करके उपन्यास को अत्यंत जीवंत बना दिया है। उनकी शैली इतनी प्रभावशाली है कि पाठक को गांव का पूरा परिवेश अपनी आंखों के सामने नजर आता है।

पाठकों के लिए संदेश: अगर आप ग्रामीण भारत के वास्तविक जीवन, उसकी खुशियां, दुख और संघर्ष को महसूस करना चाहते हैं, तो 'मैला आँचल' एक बार जरूर पढ़ें। यह उपन्यास आपको समाज की गहराइयों में झांकने का अवसर प्रदान करता है।

उपसंहार: 'मैला आँचल' हिंदी साहित्य में आंचलिक उपन्यास की एक मील का पत्थर मानी जाती है। यह उपन्यास केवल ग्रामीण जीवन का चित्रण करता है, बल्कि समाज की समस्याओं को भी बड़ी संवेदनशीलता से उजागर करता है।

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