दिखावे की कीमत: गबन की कहानी

दिखावे की कीमत: गबन की कहानी

2025-08-04

परिचय:
'गबन' हिंदी साहित्य के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक सामाजिक उपन्यास है। यह उपन्यास शहरी मध्यम वर्ग की मानसिकता, नैतिकता और सामाजिक दबावों को उजागर करता है। प्रेमचंद ने इसमें दिखाया है कि कैसे दिखावे की प्रवृत्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा की लालसा इंसान को नैतिक पतन की ओर ले जाती है।

कहानी का सारांश:
कहानी का मुख्य पात्र रामनाथ एक मध्यम वर्गीय युवक है जो अपनी पत्नी जलपा की सोने के गहनों की चाह पूरी करने के लिए गबन (सरकारी धन का दुरुपयोग) कर बैठता है। रामनाथ का उद्देश्य अपनी पत्नी को खुश करना होता है लेकिन समाज में प्रतिष्ठा बनाए रखने की चाह और आर्थिक मजबूरियाँ उसे अपराध की राह पर ले जाती हैं। धीरे-धीरे वह अपराधबोध से ग्रसित होता है और अंततः अपने अपराध को स्वीकार करता है।

मुख्य पात्र:

· रामनाथ: उपन्यास का मुख्य पात्र, एक मध्यम वर्गीय युवक
· जलपा: रामनाथ की पत्नी, आभूषणों की शौकीन
· नूतनलाल: रामनाथ का सहकर्मी
· बिंदी: जलपा की सहेली

प्रमुख विषय:

· मध्यम वर्ग की मानसिकता
· सामाजिक प्रतिष्ठा का दबाव
· स्त्री की इच्छाएँ और परिवार
· नैतिकता बनाम भौतिकता
· अपराध और पश्चाताप

पाठकों के लिए संदेश:
'गबन' यह सिखाता है कि जीवन में सच्ची प्रतिष्ठा ईमानदारी और नैतिक मूल्यों से मिलती है, न कि दिखावे और झूठ से। प्रेमचंद ने यह दर्शाया है कि गलत रास्ते अपनाकर व्यक्ति क्षणिक संतोष तो पा सकता है, लेकिन अंततः उसे आत्मग्लानि और सामाजिक दंड का सामना करना ही पड़ता है।

उपसंहार:
'गबन' मुंशी प्रेमचंद की सामाजिक चेतना से भरपूर रचना है, जो आज भी शहरी जीवन की सच्चाइयों और मानवीय कमजोरियों को उजागर करती है। यह उपन्यास पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है कि जीवन में मूल्य क्या अधिक महत्वपूर्ण हैं – दिखावा या सत्य।

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