आज के समय में समाज में रिश्तों की अहमियत पहले जैसी नहीं रही। लोग अपनी व्यस्त जिंदगी और व्यक्तिगत इच्छाओं में इतने उलझ गए हैं कि आपसी संबंध कमजोर होते जा रहे हैं। परिवारों में पहले जो प्यार, सम्मान और अपनापन था, वह अब कम दिखाई देता है।
तकनीक और सोशल मीडिया ने भले ही लोगों को जोड़ने का काम किया है, लेकिन दिलों की दूरियां बढ़ा दी हैं। हर कोई अपनी सफलता, पैसा और पहचान पाने की दौड़ में लगा है। ऐसे में रिश्ते पीछे छूट जाते हैं।
इसके अलावा, लोग अपनी जिंदगी के असली मकसद को लेकर भी उलझन में हैं। खुशी और संतोष की जगह अकेलापन और तनाव ने ले ली है। हर व्यक्ति अपनी पहचान और अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहा है।
यह हालात समाज में बढ़ते स्वार्थ, भावनात्मक दूरी और आत्मकेंद्रित सोच को दर्शाते हैं। इस बदलाव को समझना और आपसी जुड़ाव को फिर से मजबूत करना ही समाज को बेहतर बना सकता है।
Leave a Reply