महाभारत के नायक कर्ण के जीवन संघर्ष और वीरता का महाकाव्य

2025-03-07

परिचय
'रश्मिरथी' रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध काव्य रचना है, जो महाभारत के पात्र कर्ण के जीवन को केंद्र में रखकर लिखी गई है। इस महाकाव्य में कर्ण के चरित्र के माध्यम से मानवीय मूल्यों, वीरता, दानशीलता और सामाजिक अन्याय के प्रति उनकी विद्रोही भावना को दर्शाया गया है।

कहानी का सारांश: रश्मिरथी का अर्थ है 'रथ के सारथी के समान सूर्य का पुत्र' इस काव्य में कर्ण के जन्म से लेकर उनकी मृत्यु तक के जीवन संघर्ष को सात सर्गों में बांटा गया है। दिनकर ने कर्ण के संघर्ष, दानशीलता और समाज के प्रति उनकी समर्पण भावना को बेहद प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया है।

मुख्य विषय:

·         सामाजिक अन्याय

·         वीरता और पराक्रम

·         दानशीलता

·         भाईचारा

·         मानवीय मूल्यों का संघर्ष

शैली और भाषा: दिनकर की भाषा ओजपूर्ण, प्रवाहमय और काव्यात्मक है। उन्होंने संस्कृतनिष्ठ शब्दावली के साथ सरल भाषा का प्रयोग किया है, जिससे पाठक आसानी से काव्य का आनंद ले सकते हैं।

पाठकों के लिए संदेश: यदि आप कर्ण के जीवन संघर्ष, सामाजिक अन्याय और वीरता के प्रतीक को गहराई से समझना चाहते हैं, तो 'रश्मिरथी' अवश्य पढ़ें। यह काव्य आपके भीतर प्रेरणा और साहस का संचार करेगा।

उपसंहार: 'रश्मिरथी' हिंदी साहित्य में महाकाव्य परंपरा की एक उत्कृष्ट कृति है। यह कर्ण के जीवन को केवल ऐतिहासिक दृष्टि से प्रस्तुत करता है, बल्कि मानवीय मूल्यों और सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक भी है।

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