भारत को आजादी के
समय विभिन्न रियासतों और क्षेत्रों में
विभाजित किया गया था। स्वतंत्रता के समय भारत
में कुल 562 रियासतें थीं, जो अपने-अपने
शासकों के अधीन थीं।
सरदार वल्लभभाई पटेल और वी.पी.
मेनन के प्रयासों से
इन रियासतों का भारत में
विलय कराया गया।
1950 में भारतीय संविधान लागू होने के बाद देश
को 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया। इसके बाद 1956 में States
Reorganisation Act के
तहत राज्यों का भाषाई आधार
पर पुनर्गठन किया गया। इसके तहत आंध्र प्रदेश पहला ऐसा राज्य बना जो भाषाई आधार
पर गठित किया गया था।
समय के साथ जनसंख्या,
राजनीतिक मांगों और प्रशासनिक सुविधा
के लिए नए राज्यों का
गठन किया गया।
 प्रमुख घटनाएं:
·        
1947: भारत की स्वतंत्रता के समय 562 रियासतें थीं।
·        
1950: भारतीय संविधान लागू होने पर 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए।
·        
1956: राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम के तहत भाषाई आधार पर राज्यों का निर्माण।
·        
2014: तेलंगाना का आंध्र प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बनना।
·        
2019: जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में गठित किया गया।
केंद्र शासित प्रदेश क्या हैं? (What are Union Territories?)
केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories) वे क्षेत्र होते हैं, जिनका प्रशासन सीधे केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। इन क्षेत्रों का नियंत्रण केंद्र सरकार के प्रतिनिधि (उपराज्यपाल या प्रशासक) के माध्यम से किया जाता है।
वर्तमान में कुल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (Current States and UTs)
·        
राज्य: 28
·        
केंद्र शासित प्रदेश: 8
भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। यह विभाजन प्रशासनिक सुविधा और ऐतिहासिक आवश्यकताओं के आधार पर किया गया है। 2025
राज्यों की सूची, राजधानी और स्थापना वर्ष
| क्रमांक | राज्य | राजधानी | स्थापना वर्ष | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | 
|---|
| 1 | आंध्र प्रदेश | अमरावती | 1956 | 162,968 | 
| 2 | अरुणाचल प्रदेश | ईटानगर | 1987 | 83,743 | 
| 3 | असम | दिसपुर | 1947 | 78,438 | 
| 4 | बिहार | पटना | 1912 | 94,163 | 
| 5 | छत्तीसगढ़ | रायपुर | 2000 | 135,194 | 
| 6 | गोवा | पणजी | 1987 | 3,702 | 
| 7 | गुजरात | गांधीनगर | 1960 | 196,024 | 
| 8 | हरियाणा | चंडीगढ़ | 1966 | 44,212 | 
| 9 | हिमाचल प्रदेश | शिमला | 1971 | 55,673 | 
| 10 | झारखंड | रांची | 2000 | 79,716 | 
| 11 | कर्नाटक | बेंगलुरु | 1956 | 191,791 | 
| 12 | केरल | तिरुवनंतपुरम | 1956 | 38,863 | 
| 13 | मध्य प्रदेश | भोपाल | 1956 | 308,350 | 
| 14 | महाराष्ट्र | मुंबई | 1960 | 307,713 | 
| 15 | मणिपुर | इम्फाल | 1972 | 22,327 | 
| 16 | मेघालय | शिलांग | 1972 | 22,429 | 
| 17 | मिजोरम | आइजोल | 1987 | 21,081 | 
| 18 | नागालैंड | कोहिमा | 1963 | 16,579 | 
| 19 | ओडिशा | भुवनेश्वर | 1936 | 155,707 | 
| 20 | पंजाब | चंडीगढ़ | 1966 | 50,362 | 
| 21 | राजस्थान | जयपुर | 1949 | 342,239 | 
| 22 | सिक्किम | गंगटोक | 1975 | 7,096 | 
| 23 | तमिलनाडु | चेन्नई | 1956 | 130,058 | 
| 24 | तेलंगाना | हैदराबाद | 2014 | 112,077 | 
| 25 | त्रिपुरा | अगरतला | 1972 | 10,491 | 
| 26 | उत्तर प्रदेश | लखनऊ | 1950 | 243,286 | 
| 27 | उत्तराखंड | देहरादून | 2000 | 53,483 | 
| 28 | पश्चिम बंगाल | कोलकाता | 1947 | 88,752 | 
केंद्र शासित प्रदेशों की सूची, राजधानी और स्थापना वर्ष
| क्रमांक | केंद्र शासित प्रदेश | राजधानी | स्थापना वर्ष | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | 
| 1 | दिल्ली | नई दिल्ली | 1956 | 1,484 | 
| 2 | पुडुचेरी | पुडुचेरी | 1963 | 490 | 
| 3 | चंडीगढ़ | चंडीगढ़ | 1966 | 114 | 
| 4 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | पोर्ट ब्लेयर | 1956 | 8,249 | 
| 5 | दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | सिलवासा | 2020 | 603 | 
| 6 | लद्दाख | लेह | 2019 | 59,146 | 
| 7 | जम्मू और कश्मीर | श्रीनगर/जम्मू | 2019 | 55,538 | 
| 8 | लक्षद्वीप | कवरत्ती | 1956 | 32 | 
भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रशासनिक व्यवस्था देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रशासनिक व्यवस्था (Administrative Structure)
 - राज्यों का प्रशासन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कार्य करता है और राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख होता है
- केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन उपराज्यपाल या प्रशासक के नेतृत्व में कार्य करता है
- केंद्र सरकार योजनाओं और विकास कार्यों का पर्यवेक्षण करती है
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका (Role of States and UTs)
 - आर्थिक और सामाजिक विकास
- कानून व्यवस्था बनाए रखना
- बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं
प्रशासन में चुनौतियाँ (Challenges in Administration)
 - भ्रष्टाचार
- लालफीताशाही
- संसाधनों की कमी
- जनसंख्या वृद्धि
भविष्य में संभावनाएं (Future Possibilities)
 - नए राज्यों की संभावित मांगें (गोरखालैंड, विदर्भ)
- ई-गवर्नेंस और डिजिटल सेवाओं का विस्तार
- स्मार्ट सिटी परियोजनाएं
निष्कर्ष (Conclusion)
भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रशासनिक व्यवस्था देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समय के साथ इनका पुनर्गठन और विकास भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन में योगदान देता है। आधुनिक तकनीक और प्रशासनिक सुधारों के साथ, ये इकाइयां भविष्य में और अधिक प्रभावी बन सकती हैं।
                            
                                 
                            
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